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एक सच्ची कहानी

हमेशा हर किसी की नैय्या तूफ़ान से पार लगाने वाले सेलर मैन की ज़िन्दगी का बड़ा यादगार लम्हा है वो। कहने को कुछ भी नही, पर ज़िन्दगी कुछ की कुछ और भी हो सकती थी। तो,कहानी ऐसी ही एक नाव को घिरे तूफ़ान से निकालने की है।

एक दोस्त हुआ करता था नौवी कक्षा में सेलर मैन का।
उसका दिल आ गया एक लड़की पर। उस लड़की का एक छोटा भाई भी था| यूँ तो भाई लड़की का हमसे छोटा था पर था घणा तेज़।स्कूल का माहौल भी कुछ बदमाशी वाला ही रहा था। वो उस लड़के की अपनी बहन के लिए भावनाएं भाँप गया।

एक दिन जब सेलर मैन अपने दोस्तों के साथ स्कूल से घर जाने के लिए निकला तो हमेशा की तरह वो अपना प्रेमी जोड़ा सड़क के किनारे पटरी पर आगे आगे सबसे अलग बतियाता चल रहा था और सेलर मैन कुछ और दोस्तों के साथ कुछ कदम पीछे।
अचानक ध्यान गया वो छोटू (सेलर मैन के दोस्त का साला) तो आज हमेशा की तरह साथ में है ही नही!!! अगले 2 मिनट में अगली लाल बत्ती पर पहुंचे तो देखा की एक बाइक पर स्कूल के पड़ोस के मोहल्ले का बदमाश खड़ा है पर वो हमारे हीरो की और घूर घूर कर देख रहा है, जैसे उसने उसका कुछ चुरा लिया हो। बाइक की बैकसीट पर नज़र पड़ी तो देखा कक हमारा फुदकुराम बैठा है वहाँ! तब दिमाग की घंटी बजी, दिल की धड़कन बड़ी और एहसास हुआ कि आज सेलर मैन की ज़रूरत पड़ने वाली है हमारे इश्कबाज़ को। इतने में ध्यान गया कि सेलर मैन के साथ चल रही पलटन गोली हो गयी, वो भी बिना भनक पड़े! पर सेलर मैन खुद को अकेला पा कर ड़र जाने वालो में से नही था। अगले ही पल बहस सी छिड़ गयी अपने लवर बॉय और उस बदमाश के बीच कि सेलर मैन फुर्ती से वह पहुंचा और छोटू से पूछा "भई क्या बात है?" तो जवाब में मिली बदमाश के मुह से गाली! सेलर मैन ने उसको कहा "भाई, आराम से बात कर। क्या दिक्कत हो गयी?" तो ये कहते हुए कि उन दोनों की बात में बीच में आने की ज़रूरत नहीं है, धक्का दे दिया उसने सेलर मैन को...! बस फिर क्या था!! सेलर मैन तूफानों से लड़ने का शौंक रखते तो हैं पर उस समय दिमाग में जो बवंडर आया था उससे लड़ने का दिल न किया और उसी के बहाव में बहते हुए, अपनी इज़्ज़त की रखवाली करने क लिए, एक दिया ज़ोरदार घुमा कर!! 

असल कहानी ये है कि हमारा जो सेलर मैन है, वो तो है शरीफ आदमी। दोस्तों की कद्र करता है और मुद्दे की बात तो ये है कि उसको मालुम नही था की उस बदमाश का कितना नाम है मौहल्ले में तो... आ गया जोश, खो दिया होश और जड़ दिया बॉस! फिर वो बदमाश बाइक से नीचे उतरा और अगले ही पल पीछे से सेलर मैन के गुरूजी ने पीछे से लगा दी आवाज़! और इस तरह बला टली, पोवेरपफ्फ् गर्ल्स की नहीं पर गुरूजी की बदौलत! अगले दिन पता लगा कि वो बदमाश अपने मोज़े (जुराब) में चक्कू रखता है। तब एहसास हुआ कि कितना बड़ा तूफ़ान टला था। सेलर मैन को किसी और ने तूफ़ान से बचाया था। 

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